Astrology
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5 Astrological Yogas in horoscope brings blessings of Maa Saraswati: नई दिल्ली। विद्यार्थियों और ज्ञान के आकांक्षी लोगों के लिए बसंत पंचमी पर्व का खासा महत्व है। माना जाता है कि इस दिन नियम पूर्वक मां सरस्वती की पूजा करने से ज्ञान और बुद्धि का संचार होता है। ऐसे में हम आपको ज्योतिष के कुछ ऐसे योगों के बारे में बता रहे हैं। अगर ये योग किसी की कुंडली में हों तो उन पर मां सरस्वती जीवन भर कृपा बरसाती रहती हैं। ऐसे लोगों के शिक्षा के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों पर पहुंचने या उच्च शिक्षा हासिल करने की संभावनाएं खासी बढ़ जाती हैं।
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- सरस्वती योग: अगर किसी की कुंडली में तीन, छह और अष्टम भावों को छोड़कर किसी स्थान में एकगुरु, शुक्र और बुध लग्न से दशम भाव तक एक साथ या अलग-अलग बैठे हों तो यह योग बनता है। इसका मतलब है कि गुरु, शुक्र और बुध एक साथ या कोई दो ग्रह या तीनों ग्रह अलग-अलग 1, 2, 4, 5, 7, 9 या 10 भाव में हों तो यह योग बनता है।
- बुध योग: कुंडली में गुरु लग्न में हो, चंद्रमा केंद्र में, चंद्रमा से द्वितीय भाव में राहु और राहु से तृतीय भाव में सूर्य और मंगल तो यह योग बनता है। ऐसा जातक बहुत ज्ञानवान होता है, उसे बहुआयामी शिक्षा प्राप्त होती है।
- शंख योग:यदि लग्न बली हो और पंचमेश व षष्ठेश एक दूसरे से केन्द्र में हों तो यह योग बनता है। यह योग शिक्षा संबंधी प्रतियोगिताओं में सफलता दिलाता है।
- बुध-आदित्य योग: इस योग के बारे में अक्सर चर्चा होती रहती है। अगर सूर्य और बुध किसी भाव में एक साथ बैठे हों तो जातक बुद्धिमान होता है। अगर यह योग केन्द्र या त्रिकोण में बने और मित्र ग्रह की राशि में बने तो ज्यादा प्रभावी होता है।
- मंगल-गुरू योग:यह योग चाहे किसी भी भाव में बने, उत्तम शिक्षा सुनिश्चित करता है। इसके अलावा गुरु-शुक्र का योग भी अच्छी शिक्षा का प्रतीक है।
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